रविवार, 10 अप्रैल 2011

जन लोकपाल बिल बनाम भष्ट्राचार

जन लोकपाल बिल अपने आप मेँ परिपूर्ण और इसमेँ कोई संदेह नही हैँ कि इस बिल से भष्ट्राचार कम नही होगा क्योकि डर से ही दुनिया चल रही हैँ अगर इस बिल का डर नेताओ को न होता तो 42 साल से लोकपाल इंतजार के लाइन मे न होता जहा चार भष्ट्राचारियो को आजीवन कारावास की सजा हो और उनके द्वारा भष्ट्राचार से अर्जित किया गया धन राजसात हो और जुर्माना लगने के अगला ब्यक्ति भष्ट्राचार करने की बात दूर गई सोचने तक की जुरर्त नही करेगा इस बिल के पालन से निश्चित भष्ट्राचार बंद होगा लेकिन दावानल कि तरह बढता खुसखोरी के लिए भारत सरकार और राज्यसरकारो को कडा कदम उठना होगा नही तो एक आंदोलन के लिए सरकार पुन: तैयार रहे राजेन्द शाह एडवोकेट