बुधवार, 18 जनवरी 2017

क्रांन्तिकारी परिवर्तन विकाश पार्टी

आज भारत देश में कुकुरमुत्तो की तरह पैदा होते राजनितिक दल और इनका फैला देश भर में नेटवर्क देश में घटित हो रहे अपराध की जड़ है अत: इस जड़ को समाप्त करना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है ।
इसे खत्म करने के लिए " क्रांतिकारी परिवर्तन विकाश पार्टी" की स्थापना किया जा रहा है जिसका उदेश्य निम्नानुसार है:-

1- भारत देश में दलीय लोकत्रंत प्रणाली का अंत करके निर्दलीय प्रणाली का शुरुआत।
2- खेती को उत्तम बनाने के किसानो के उत्पादन का उचित मूल्य का निर्धारण करना ।
3- मजदूरी/वेतन की असमानता को कम करना अर्थात मजदूर व जिलाधीश के वेतन में धरती आसमान का अंतर कम करना।
4- मशीनीकरण से बेरोजगारी बढ़ी हैं अर्थात बेरोजगारी कम करने के लिये सभी स्नातक व स्नात्तकोत्तर बेरोजगारो को नौकरी की गारंटी देना नौकरी न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देना।
5- परिवार के एक सदस्य को नौकरी की गारंटी।
6- शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष शिक्षको का इलेजविल्टी टेस्ट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य करना परीक्षा ऑनलाइन होगी।
7- भष्ट्राचार रोकने के लिये सारे विभागों के कार्य ऑनलाइन किया जायेगा।
8- कृषि योग्य जमीनों की अधिकतम सीमा निर्धारण करना सीमा से अधिक जमीन सरकारी होगी जिसे भूमिहीन किसानो को आबंटित किया जायेगा।
9- सभी विभागों की भर्ती ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से कराया जायेगा।
10- त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए सभी प्रकरणो को निपटाने के लिये अधीकतम समय सीमा की पाबन्दी करना।
11- नौकशाहो का जबाबदेही तय निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य न होने पर भारी जुर्माना लगाना बिना किसी अपील या सुनवाई के।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

सरकार की असफलता

दुनिया के किसी भी देश की सरकार या राजा का प्रमुख कार्य हैं न्याय करना क्योकि इतिहाश गवां हैं की जब भी कोई विवाद या झगड़ा दो पक्षो में होती थी तो उसका फैसला राजा करते थे और राजा का फैसला अंतिम होता था हाँ ये बात अलग है की पुराने राजा देवांसिक होते थे उनका फैसला न्याय दान कहलाता था और फैसला त्वरित होता था लेकिन आज राजा का स्थान सरकार ने ले लिया हैं लेकिन फिर भी राजा या सरकार का प्रमुख कार्य अपने नागरिको को त्वरित सस्ता सुलभ न्याय दिलाना ही हैं शेष कार्य न्यून हैं |

तो क्या आज सस्ता त्वरित सुलभ न्याय देश की जनता को मिल रही हैं अगर नही तो क्या ये सरकार की असफलता नही हैं |

ये भाजपा के एजेंडा में 2 स्थान पर था तो क्या   इसमे कुछ सुधार हुआ या नही अगर नही तो क्यों ?

क्या सरकार के कोई जिम्मेदार नेता या पदाधिकारी इसका जबाब देगा ?

बहुदलीय सरकार या निर्दलीय सरकार

भारत देश में आजदी के बाद बहुदलीय

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016

आत्मकथा (बायोग्राफी)

मैं अपने बारे में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ मेरा जन्म दिनांक 01 जनवरी 1975 को रजमिलान के वरवाटोला में हुआ हैं  मेरे माता पिता अनपढ़ हैं जब मेरा नाम लिखाया गया उस समय मेरी उम्र 5 वर्ष की थी लेकिन मास्टर साहब के द्रारा मेरी जन्म तारीख 6 वर्ष दर्ज किया गया फिर मेरी पढ़ाई शूरू हुई मैं पढ़ने में तेज था लेकिन मैं हमेशा टीचरो की कमी का सामना करता रहा जब मैं कक्षा 6 में पहुचा तो अंजेग्री के a n c d का ज्ञान हुआ लेकिन मेरा दुर्भाग्य रहा की जैसे ही हमारा प्रवेश हुआ उसी समय अंग्रेजी विज्ञान व गणित के गुरूजी का स्त्रान्तरण हो गया मात्र हिंदी समाजिक विज्ञान के गुरुजीवो के साथ कक्षा 10 वीं की परीक्षा उत्र्तीण की फिर मेरा जूनून साईंस पढने की थी मैंने विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया मेरे कुछ दोस्त जो पड़ने में कमजोर थे वो ब्यसायिक पाठक्रम में प्रवेश ले लिया और नम्बर अच्छा आने से उन सबका शिक्षाकर्मी में चयन हो गया मेरा नम्बर कम होने मेरा चयन नही हो पाया फिर मैंने pmt परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू की फ्रॉम लेने के लिए 60 किलोमीटर सायकिल चलाकर नवजीवन बिहार गया एक बार नही कई बार गया लेकिन एजेंट के द्रारा अंतिम में मुझे फ्रॉम नही दिया गया और मेरा पैसा वापस कर दिया गया फिर मैंने bsc में प्रवेश लिया और पास करने के उपरांत मैंने msc में प्रवेश लिया और काफी गहन अध्ययन लोक सेवा का करना सुरु किया मैंने काफी नोट्स बनाये लेकिन परीक्षा फ्रॉम भरने के कई सालो तक परीक्षा नही हुआ लगभग 4-5 वर्ष बाद प्रवेश पत्र आया जिससे मेरा मनोबल कम हो गया और मैं परीक्षा नही दे पाया इस बीच कई बार मैं कई जगहों पर फ्रॉम भरा लेकिन कही चयन नही हो पाया फिर मैंने llb में प्रवेश लिया और पास कर वकालत

मंगलवार, 8 अप्रैल 2014

aarshan ka ayochitya

लोकसभा या राज्यो के विधानसभाओ मेँ एक बार पाँज वर्ष के लिए कोई भी हरिजन/आदिवासी रिजर्व सीट से पहुचता हैँ तो अगले लोकसभा या विधानसभा के सुरक्षित सीट से चुनाव लडने का हकदार नही होना चाहिए इसी तरह से प्रथम,द्दितिय,तृतीय श्रेणी के कर्मचारियो या इनके परिवार के सदस्यो को भी आरक्षण का लाभ नही मिलना चाहिए तभी हमारे देश के लाखो दलित आदिवासियो का विकास होगा अगर करोडपति अरबपति पासवान,ए.राजा जैसे नेताओ को आरक्षण मिलता रहा तो समाज के समग्र लोगो का विकास कैसे होगा इस आप सभी दोस्तो से सुझाव माँग रहा हुँ ताकि हाईकोर्ट मेँ एक जनहित याचिका दायर कर सकु


लोकसभा या राज्यो के विधानसभाओ मेँ एक बार पाँज वर्ष के लिए कोई भी हरिजन/आदिवासी रिजर्व सीट से पहुचता हैँ तो अगले लोकसभा या विधानसभा के सुरक्षित सीट से चुनाव लडने का हकदार नही होना चाहिए इसी तरह से प्रथम,द्दितिय,तृतीय श्रेणी के कर्मचारियो या इनके परिवार के सदस्यो को भी आरक्षण का लाभ नही मिलना चाहिए तभी हमारे देश के लाखो दलित आदिवासियो का विकास होगा अगर करोडपति अरबपति पासवान,ए.राजा जैसे नेताओ को आरक्षण मिलता रहा तो समाज के समग्र लोगो का विकास कैसे होगा इस आप सभी दोस्तो से सुझाव माँग रहा हुँ ताकि हाईकोर्ट मेँ एक जनहित याचिका दायर कर सकु

रविवार, 4 अगस्त 2013

चुनाव का आगाज

आगामी  विधान सभा एवं लोक सभा के चुनाव एवं पार्टियों के घोसणा पत्र 


                आज हमारे देश में पुनः चुनाव का आगाज हो गया है और पार्टिया कुकुरमुत्तो की तरह देश की गरीब जनता को गुमराह करने के लिए जगह जगह सभा संमेलन कर रही है कई नए पार्टिया भी अपने अपने भाग रही है लेकिन कोई पार्टी ये नहीं बताती की हम सत्ता में आयेगे तो किस तरह से भारत में भास्ताचार खुस्खोरी गरीबी पर अंकुस लगायेगे बश वादा करते है की हमारी पार्टी की सरकार आयगी तो सब ठीक कर देंगे लेकिन इसका विकल्प नहीं बताते अब हम सब इनसे विकल्प पूछे की आप कसे करेगे