बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

सरकार की असफलता

दुनिया के किसी भी देश की सरकार या राजा का प्रमुख कार्य हैं न्याय करना क्योकि इतिहाश गवां हैं की जब भी कोई विवाद या झगड़ा दो पक्षो में होती थी तो उसका फैसला राजा करते थे और राजा का फैसला अंतिम होता था हाँ ये बात अलग है की पुराने राजा देवांसिक होते थे उनका फैसला न्याय दान कहलाता था और फैसला त्वरित होता था लेकिन आज राजा का स्थान सरकार ने ले लिया हैं लेकिन फिर भी राजा या सरकार का प्रमुख कार्य अपने नागरिको को त्वरित सस्ता सुलभ न्याय दिलाना ही हैं शेष कार्य न्यून हैं |

तो क्या आज सस्ता त्वरित सुलभ न्याय देश की जनता को मिल रही हैं अगर नही तो क्या ये सरकार की असफलता नही हैं |

ये भाजपा के एजेंडा में 2 स्थान पर था तो क्या   इसमे कुछ सुधार हुआ या नही अगर नही तो क्यों ?

क्या सरकार के कोई जिम्मेदार नेता या पदाधिकारी इसका जबाब देगा ?

बहुदलीय सरकार या निर्दलीय सरकार

भारत देश में आजदी के बाद बहुदलीय

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016

आत्मकथा (बायोग्राफी)

मैं अपने बारे में लिखने का प्रयास कर रहा हूँ मेरा जन्म दिनांक 01 जनवरी 1975 को रजमिलान के वरवाटोला में हुआ हैं  मेरे माता पिता अनपढ़ हैं जब मेरा नाम लिखाया गया उस समय मेरी उम्र 5 वर्ष की थी लेकिन मास्टर साहब के द्रारा मेरी जन्म तारीख 6 वर्ष दर्ज किया गया फिर मेरी पढ़ाई शूरू हुई मैं पढ़ने में तेज था लेकिन मैं हमेशा टीचरो की कमी का सामना करता रहा जब मैं कक्षा 6 में पहुचा तो अंजेग्री के a n c d का ज्ञान हुआ लेकिन मेरा दुर्भाग्य रहा की जैसे ही हमारा प्रवेश हुआ उसी समय अंग्रेजी विज्ञान व गणित के गुरूजी का स्त्रान्तरण हो गया मात्र हिंदी समाजिक विज्ञान के गुरुजीवो के साथ कक्षा 10 वीं की परीक्षा उत्र्तीण की फिर मेरा जूनून साईंस पढने की थी मैंने विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया मेरे कुछ दोस्त जो पड़ने में कमजोर थे वो ब्यसायिक पाठक्रम में प्रवेश ले लिया और नम्बर अच्छा आने से उन सबका शिक्षाकर्मी में चयन हो गया मेरा नम्बर कम होने मेरा चयन नही हो पाया फिर मैंने pmt परीक्षा देने के लिए तैयारी शुरू की फ्रॉम लेने के लिए 60 किलोमीटर सायकिल चलाकर नवजीवन बिहार गया एक बार नही कई बार गया लेकिन एजेंट के द्रारा अंतिम में मुझे फ्रॉम नही दिया गया और मेरा पैसा वापस कर दिया गया फिर मैंने bsc में प्रवेश लिया और पास करने के उपरांत मैंने msc में प्रवेश लिया और काफी गहन अध्ययन लोक सेवा का करना सुरु किया मैंने काफी नोट्स बनाये लेकिन परीक्षा फ्रॉम भरने के कई सालो तक परीक्षा नही हुआ लगभग 4-5 वर्ष बाद प्रवेश पत्र आया जिससे मेरा मनोबल कम हो गया और मैं परीक्षा नही दे पाया इस बीच कई बार मैं कई जगहों पर फ्रॉम भरा लेकिन कही चयन नही हो पाया फिर मैंने llb में प्रवेश लिया और पास कर वकालत