शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

शिक्छाप्रद बातेँ-

शिक्छाप्रद बातेँ-
1- सच्चा इंसान वह हैँ जो इंसानियत से प्यार करता हैँ ।
2- शुभ और अशुभ सफलता का घोतक हैँ कर्म करते रहो सफलता अवश्य मिलेगी ।
3- शिळा,सत्ता,सम्पति मेँ इंसान का बराबर का हक हैँ । 4- दुसरो के लिए जीना पुण्य हैँ और अपने लिये जीना पाप हैँ ।
5- जो अपना पेट पालते हैँ वह पशू हैँ जो दुसरो के लिए जीता हैँ वही इंसान हैँ ।
6- निराशा इंसान की असाध्य बिमारी हैँ ।
7- भाग्य पर भरोसा मूर्ख लोग करते हैँ बुध्दिमान लोग कर्म पर विश्वास करते हैँ ।
8- उसे सच्चा मित्र मत समझो जो तुम्हारी हाँ मेँ हाँ मिलाकर तुम्हारी तारीफ करता हैँ सच्चा मित्र तो वह हैँ जो तुम्हारा विरोध करता हैँ ।
9- कर्म का अर्थ आंख मूद कर माला जपने से नहीँ हैँ कर्म का तात्पर्य अनिति के खिलाफ संघर्ष से हैँ ।
10- संसार मेँ गरीबी तब तक रहेगी जब तक गरीब अमीरोँ के खिलाफ संघर्ष नही करगेँ ।

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